जेएनयू कैंपस में रही शांति, बाहर पुलिस का पहरा

 


जेएनयू कैंपस में रही शांति, बाहर पुलिस का पहरा


नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नए नियमों के तहत हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विरोध में सोमवार को हुए हंगामे के बाद मंगलवार को सरकारी अवकाश होने के कारण कैंपस में शांति रही। अब छात्र हॉस्टल मैन्युअल व पुलिस बल के प्रयोग को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने 14 नवंबर को राष्ट्रीय विरोध दिवस (नेशनल प्रोटेस्ट डे) मनाने का फैसला किया है। आइसा की ओर से अन्य विश्वविद्यालय व छात्रों सेे भी अपील की गई है कि वे बृहस्पतिवार को प्रदर्शन दिवस के रुप में मनाएं। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि छात्र बुधवार को जेएनयू ईसी बैठक के बाहर भी विरोध कर सकते हैं।


 

जेएनयू छात्रों की ओर से बीते 15 दिनों से हॉस्टल नियमों व फीस बढ़ोतरी का विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को जहां कैंपस में सन्नाटा पसरा रहा, वहीं कैंपस के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। कहा जा रहा है कि छात्र अन्य छात्रों को आगे के प्रदर्शन के लिए एकत्र करने में लगे रहे। ढाबों व हॉस्टल के कमरों में जाकर छात्रों से संवाद कर उनसे बात की गई। वहीं सोमवार को छात्रों के प्रदर्शन में पुलिस बल प्रयोग के बाद अब शिक्षकों के अलावा विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी अपना समर्थन दिया है। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से फीस बढ़ोतरी की गई है उससे वंचित वर्ग के छात्रों के लिए शिक्षा ग्रहण करना मुश्किल हो जाएगा।
आइसा की ओर राष्ट्रीय प्रदर्शन दिवस के लिए एक पोस्टर भी जारी किया गया। इसमें कहा कि 999 फीसदी हॉस्टल फीस बढ़ोतरी व सर्विस चार्ज को वापस लिया जाए, ड्रेस कोड जबरदस्ती ना थोपा जाए, कुलपति को इस्तीफा देना चाहिए। आइसा ने छात्रों पर पुलिस केबल प्रयोग की भी निंदा की। विश्व भारती विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी जेएनयू छात्रों पर पुलिस बल की निंदा की है।




 




 जेएनयू शिक्षक संघ ने भी छात्रों को अपना समर्थन दिया है। छात्रों पर पुलिस बल की निंदा करते हुए संगठन ने कुलपति