नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भावनात्मक मुद्दों पर लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन बीते एक साल से लोगों के अपनी आय को स्थिर पाने की वजह से उनका मूड तेजी से नकारात्मक हो रहा है। केंद्रीय बजट के एक फरवरी को आने से पहले आईएएनएस-सी वोटर पोल से पता चला है कि सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने पाया है कि उनकी आय समान बनी हुई है, जबकि 2019 से उनके खचरें में काफी वृद्धि हुई है।
जनवरी के आखिरी दो सप्ताहों में किए गए आईएएनएस-सी वोटर सर्वे के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप नकारात्मकता उतनी ही ज्यादा है, जितनी मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी वर्षों 2012-13 में थी। इस सर्वे में 75.8 फीसदी उत्तरदाताओं ने माना है कि देश में आर्थिक माहौल नकारात्मक है।
साल 2013 में करीब 72 फीसदी लोगों ने माना था कि विकास का माहौल निराशाजनक व नकारात्मक है। सर्वे के अनुसार, मोदी सरकार के बीते कुछ वर्षों में समग्र परिदृश्य में सुधार नहीं हो सका है। सर्वे के अनुसार, लोगों के दिमाग में राष्ट्रवादी विचार हावी हुआ है।
जनवरी के आखिरी दो सप्ताहों में किए गए आईएएनएस-सी वोटर सर्वे के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप नकारात्मकता उतनी ही ज्यादा है, जितनी मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी वर्षों 2012-13 में थी। इस सर्वे में 75.8 फीसदी उत्तरदाताओं ने माना है कि देश में आर्थिक माहौल नकारात्मक है।
साल 2013 में करीब 72 फीसदी लोगों ने माना था कि विकास का माहौल निराशाजनक व नकारात्मक है। सर्वे के अनुसार, मोदी सरकार के बीते कुछ वर्षों में समग्र परिदृश्य में सुधार नहीं हो सका है। सर्वे के अनुसार, लोगों के दिमाग में राष्ट्रवादी विचार हावी हुआ है।